भारतीय रेलयात्रा से जुड़े ऐसे कई नियम हैं, जो सामान्य यात्रियों की समझ से परे होते हैं। रेलवे नियमों की जटिल सूची रेल अधिकारियों को छोड़कर, आम यात्रियों के लिए समझ पाना बहुत मुश्किल होता हैं। भारतीय रेलवे के नियमों की ऐसी ही एक श्रृंखला ट्रेन टिकट के कैंसिलेशन से संबंधित है।
भारतीय रेलवे को भी अपने नियमों को तैयार करते समय अनेकों परिस्थितियों को ध्यान में रखना पड़ता हैं, इसलिए रेलवे के नियम यात्रियों के लिए थोड़े उलझन भरे हो सकते हैं। जबकि रेलयात्री डॉटइन हमेशा से रेलवे के नियमों को सरल तरीके से पेश करने का प्रयास करता आया है। अपने इसी प्रयास की इस कड़ी में हमने रेलवे के टिकट कैंसिलेशन के नियमों को आपको सरल तरीके से समझाने का प्रयास किया है, पढ़ियें और सरल शब्दों में जान लीजिये टिकट कैंसिलेशन के सभी नियमों को…
कैंसिलेशन चार्जेज क्या हैं?
भारतीय रेलवे में कैंसिलेशन चार्जेज को आमतौर पर क्लर्ककेज शुल्क के रूप में जाना जाता है। आरएसी टिकट वाले यात्रियों को मैन्युअली अपने टिकट रद्द करवाने पड़ते हैं। वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के लिए यदि अंतिम चार्ट बनने तक उनकी टिकट कन्फर्म नहीं होती तो वह स्वतः ही रद्द हो जाते हैं। उनकी धनराशि उनके एकाउंट में क्रेडिट कर दी जाती है। हालाँकि एक अपवाद की स्थिति में वेटिंग लिस्ट वाले ये टिकट स्वतः रद्द नहीं भी होते हैं ऐसा तब होता है जब एक ही पीएनआर पर बने सभी अधिकतम छ वेटिंग लिस्ट टिकटों में से कुछ कन्फर्म हो जाती हैं एवं कुछ नहीं। यहाँ नीचे कैंसिलेशन चार्जेज को ट्रेन के प्रस्थान से 48 घंटे पहले रद्द करने संबंधी परिस्थित के अनुसार ब्रेक-अप कर समझा जा सकता है।
स्लीपर क्लास के लिए- कैंसिलेशन चार्जेज रु 120 कन्फर्म टिकटों के लिए, रु 60 आरएसी या वेटिंग लिस्ट टिकट के लिए प्रति यात्री।
एसी थर्ड क्लास- कैंसिलेशन चार्जेज रू 180 कन्फर्म टिकटों के लिए, रु 60 आरएसी या वेटिंग लिस्ट टिकट के लिए प्रति यात्री।
एसी सेकंड क्लास- कैंसिलेशन चार्जेज रु 200 कन्फर्म टिकट के लिए, रु 60 आरएसी या वेटिंग लिस्ट टिकट के लिए प्रति यात्री ।
एसी फर्स्ट क्लास- कैंसिलेशन चार्जेज रु 240 कन्फर्म टिकटों के लिए, रु 60 आरएसी या वेटिंग लिस्ट टिकट के लिए प्रति यात्री।
पार्शियल कैंसिलेशन क्या है?
इस नियम के अनुसार जिसे (पार्शियल कैंसिलेशन या पार्ट कैंसिलेशन भी कहते हैं) आप एक साथ बुक की गयी कुछ टिकट्स में से कुछ टिकट को रद्द कर सकते हैं। मान लीजिए, आपने एक ही फॉर्म पर 5 टिकट बुक किये। जिसमें 2 टिकट कन्फर्म है, 1 आरएसी एवं अन्य 2 वेटिंग लिस्ट टिकट है। आरएसी और वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्रियों के लिए पार्शियल कैंसिलेशन किया जा सकता है, जबकि कन्फर्म टिकट वाले दो यात्री अपनी कन्फर्म टिकट के साथ यात्रा कर सकते हैं।
पार्शियल कैंसिलेशन नियम क्या हैं?
नार्मल कैंसिलेशन की तरह, पार्शियल कैंसिलेशन पर भी जब आप टिकट कैंसिल करते हैं तो आपकी रिफंड पेमेंट समय सीमा पर निर्भर करती है। ट्रेन के प्रस्थान के पूर्व के 48, 12 और 4 घंटे के टाइम स्लैब होते हैं। जिसके आधार पर रिफंड की गणना की जाती है।
नोट- पार्शियल कैंसिलेशन के मामले में, सुनिश्चित करें कि सभी अपडेट किए गए विवरणों वाला एक नया मेल आपकी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भेजा गया है। किसी भी भ्रम से बचने के लिए बोर्डिंग के समय इस ताजा ईमेल का प्रिंटआउट यात्रा में साथ लेकर जाएं।
पार्शियल कैंसिलेशन के लिए ऑटो रिफंड उपलब्ध है?
जी हाँ, यदि एक ही बुकिंग फॉर्म में उल्लिखित कुछ यात्रियों को अंतिम चार्ट बनने के बाद वेटिंग टिकट ही मिलते हैं, तो ऐसे यात्रियों के टिकट ऑटो कैंसिल कर दिए जाएंगे और ऑटो पेमेंट रिफंड कर दिया जाएगा। लेकिन, इस संबंध में यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एक ही फॉर्म में उल्लेखित अन्य साथी यात्रियों (कन्फर्म या आरएसी पीएनआर स्थिति) वाले टिकट ऑटो-रिफंड के लिए लागू नहीं होंगे।
तो, मान लीजिए कि आप अपने माता-पिता, पत्नी, बहन- भाई के साथ यात्रा कर रहे हैं। आपके मां-पिता की टिकट कन्फर्म हैं। आपकी पत्नी और बहन-भाई के पास आरएसी टिकट हैं। आपके पास वेटिंग लिस्ट टिकट है। इस स्थिति में, अंतिम चार्ट तैयार होने के बाद आपका टिकट ऑटो-रिफंड किया जाएगा (आमतौर पर ट्रेन के प्रस्थान से 4 घंटे पहले)। लेकिन आपकी पत्नी और बहन के आरएसी टिकटों को मैन्युअल रूप से रद्द करना होगा (क्योंकि यात्री अभी भी आरएसी स्थिति के साथ यात्रा कर सकते हैं)। अब अगर आप एक साथ यात्रा करने का मन बना चुके हैं, तो आपको अपने टिकट (जो कि स्वत कैंसिल हो जाती है) को छोड़कर अन्य सभी को मैन्युअली रद्द करवाना होगा।
समय के साथ आपकी रिफंड पेमेंट कैसे प्रभावित होती है?
ट्रेन के प्रस्थान से 48 घंटे पहले टिकट रद्द करने पर आपको पूरा रिफंड मिलता है। लेकिन 48 घंटों की सीमा पार होने के बाद कटौती लागू की जाती है। आइए जाने कि आपके ट्रेन टिकट कैंसिलेशन रिफंड को कैंसिलेशन का समय कैसे प्रभावित करता है।
119 दिन- ट्रेन के प्रस्थान से 48 घंटे पहले
भारतीय रेलवे हमेशा समय रहते निश्चित निर्णय लेने का फ़ायदा देती है। एक यात्री के रूप में, जब आप कम से कम 48 घंटे पहले अपना टिकट रद्द करते है तो रेलवे को भी कतार में लगे किसी अन्य यात्री को बर्थ स्थानांतरित करने के लिए पर्याप्त समय मिलता है। इस तरह की स्थिति में आपको पूरा रिफंड मिलता है, हालाँकि यहाँ भी क्लर्ककेज शुल्क (कैंसिलेशन चार्जेज) आपकी टिकट की श्रेणी के आधार पर काट ही लिया जाता है।
सारांश- यात्रियों को 120-240 रुपये यात्रा के लिए चुनी गई श्रेणी के आधार पर (कैंसिलेशन चार्जेज) काटकर रिफंड मिलता है।
ट्रेन के प्रस्थान से 12 घंटे पहले तक
यदि आप 48 घंटे की समयसीमा से चूक गए हैं, तो भी आप अपने खाते में रिफंड के तौर पर टिकट के मूल्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वापस पा सकते हैं। हालाँकि इस समय (कुल किराए का 25% या कैंसिलेशन चार्जेज) जो भी अधिक होगा कटौती की जाएगी।
सारांश- मूल किराया या कैंसिलेशन चार्जेज का 25% जो भी अधिक होगा काटा जाएगा।
ट्रेन की अंतिम चार्ट तैयारी के समय से पहले या 4 घंटे तक
ज़्यादातर ट्रेन के अंतिम चार्ट यात्रा शुरू होने से 4 घंटे पहले तैयार किए जाते हैं। यह आखिरी मौका होता है जब रेलवे वेटिंग लिस्ट या आरएसी वाले यात्रियों की सीटों को आवंटित कर सकता है। इसलिए, जब आप अंतिम चार्ट तैयार होने से पहले ट्रेन टिकट रद्द करते हैं, जो कि 12 घंटे के टाइम फ्रेम के बाद का समय होता है, तब मूल किराया या कैंसिलेशन चार्जेज (जो भी अधिक होगा) से 50% की कटौती होगी।
सारांश- मूल किराया या कैंसिलेशन चार्जेज का 50%, जो भी अधिक होगा काटा जाएगा।
अंतिम चार्ट तैयार होने के बाद
यदि अंतिम चार्ट तैयार होने के बाद आप टिकट कैंसिल करते हैं, तो आपको कोई रिफंड नहीं मिलेगा।
अंतिम चार्ट तैयार करने के लिए भी दो समय क्यों निर्धारित हैं?
हर कोई जानता है कि 2015 से ट्रेन के लिए दो अंतिम चार्ट तैयार किये जाते हैं। एक ट्रेन के प्रस्थान से 4 घंटे पहले और दूसरा प्रस्थान से 30 मिनट पहले। लेकिन इस अभ्यास के लिए भी एक अपवाद है। जब एक ट्रेन अपने मध्य स्टेशन से आधी रात 12 और 4 बजे के बीच निकलती है, तो अंतिम चार्ट आमतौर पर 6 घंटे पहले तैयार किया जाता है।
सारांश- आधी रात 12 बजे से 4 बजे के बीच जाने वाली ट्रेनों के लिए अंतिम चार्ट उनके निर्धारित प्रस्थान समय से 6 घंटे पहले तैयार किए जाते हैं। वहीं अन्य ट्रेनों के लिए, यात्रा शुरू होने से 4 घंटे पहले अंतिम चार्ट तैयार किए जाते हैं।
फुल और पार्शियल रिफंड
ऑटो-रिफंड की अन्य कौन सी पस्थितियां हैं?
वेटिंग लिस्ट टिकटों के अलावा कुछ स्थितियां जहां भारतीय रेलवे आपकी पूरी पेमेंट स्वत: रिफंड कर देती है।
ट्रेन का कैंसिल होना-
यदि आपकी ट्रेन किसी करणवश रद्द कर दी गई है, तो आपको किराए की पूरी राशि वापसी की जाएगी।
ट्रेन का देर से चलना-
यह एक नया नियम है, यदि आपकी गाड़ी अपने बोर्डिंग स्टेशन से 3 घंटे या उससे अधिक समय देर से चलती हैं तो आप पूर्ण टिकट किराया की वापसी का दावा कर सकते हैं। इस तरह के रिफंड का दावा करने के लिए आपको बोर्डिंग स्टेशन पर स्टेशन मैनेजर के कार्यालय से टीडीआर दर्ज करना होगा। लेकिन यदि आप उसी ट्रेन से यात्रा करते है तब, आप टीडीआर का लाभ नहीं ले सकते हैं।
अचानक ट्रेन का मार्ग बदल दिया जाए-
जब आपकी ट्रेन का मार्ग अचानक बदल दिया जाता है और आप बदले गए मार्ग में यात्रा नहीं करना चाहते है। ऐसी स्थिति में, ट्रेन के निर्धारित आगमन के 72 घंटों के भीतर अपने रिफंड के लिए बोर्डिंग स्टेशन मैनेजर के कार्यालय में टीडीआर दर्ज कराया जा सकता है।
वो कौन सी अन्य स्थितियां हैं जब टिकट किराए का पार्शियल रिफंड प्रदान किया जा सकता है?
कुछ और स्थितियां जब आपको रिफंड प्रदान किया जा सकता हैं।
एसी का काम नहीं करना।
यदि आपने एसी कोच में एक बर्थ आरक्षित की है और पाया कि एसी खराब है (या सही से काम नहीं कर रहा) तो आपको टीटीई को इसकी रिपोर्ट करनी होगी। निरीक्षण के बाद शीघ्र ही, एसी की मरम्मत की जाएगी। लेकिन अगर एसी काम नहीं करता है, तो टीटीई किराया में अंतर (आपकी श्रेणी और स्लीपर कक्षा के बीच का अंतर का शुल्क) वापस कर देगा।
निचली कक्षा में सीट आवंटित कर देना-
यदि आपको यात्रा के दौरान आपके द्वारा बुक की गई श्रेणी के नीचे की श्रेणी की सीट आवंटित की जाती है, तो आप अपनी प्री-बुक क्लास और आवंटित वर्ग के बीच के किराया में अंतर का दावा कर सकते हैं।
हम जानते हैं कि हम शायद अभी भी कुछ नियमों स्थितियों को समझने-समझाने से चूक गए होंगे। ऐसे में यदि आपको कोई और नियम या परिस्थिति ज्ञात हो तो हमें ज़रूर बताएं। क्योंकि, हमारा लक्ष्य सभी रेलयात्रियों को भारतीय रेलवे की रिफंड पॉलीसी को सरल एवं बेहतरीन तरीके से समझकर उनकी सहायता करना हैं।
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