हर यात्रा का अपना एक अलग अनुभव होता है। कभी मीठा, कभी कड़वा, और कभी-कभी तो बड़ा ही मज़ाकिया एवं मजेदार। हमारे इस ब्लॉग में हम यात्रा एवं यात्रियों से जुड़े ऐसे ही कुछ अनोखे अनुभवों के बारे में बात करेंगे। बात करेंगे, याद करेंगे कुछ ऐसी रोचक घटनाओं को, हमारी यात्रा के एक अलग तरह की स्मृतियों को। क्योंकि अपनी उस यात्रा के लिए हमने सोचा कुछ था हुआ कुछ और जैसा हुआ वैसे तो कभी भी सोचा नहीं था।
यही ही वो शख्स है जो मुझे शेरखान से मिलवा सकता है।
वैसे तो लगभग हम सभी ने चिड़ियाघर में पिंजड़े में क़ैद शेर, बब्बर शेर देखे हैं। मगर हर किसी की ख्वाहिश होती है कि वो टाइगर रिज़र्व जाए और खुलेआम घूमते शेर देखे। इसके लिए आप न सिर्फ सही दिन, महीना और वक़्त तय करते हैं जब जंगल का राजा आपको साक्षात दर्शन दें सके। बल्कि एक मझा हुआ गाइड भी बुक करते हैं जो आपको अपने अनुभव के किस्से सुना-सुनकर इस बात की पूरी तसल्ली करवा देता है कि इस दुनिया में वो ही एक अकेला शख्स है जो आपको शेरखान से मिलवा सकता है। मगर होता क्या है? दिन-रात ओपन जीप पर बगुले की तरह गर्दन लम्बी किये, दूरबीन से दूर-दूर तक झाड़ियों में खोजने के बावजूद वो आपको एक जंगली बिल्ली तक नहीं दिखा पाता।
सुबह–सुबह दर्शन करलो फिर तो भीड़ हो जाएगी।
अक्सर ऐसा देखा गया है कि जब लोग किसी प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के दर्शन (जहाँ बहुत ज्यादा भीड़ होती है) करने जाते हैं। तब बड़ी चालाकी से खुद के लिए ये प्लान बनाते हैं कि सुबह-सुबह भगवान जी से मिल लेते हैं। उस वक़्त वो खाली होते है, भीड़ नहीं होती। मगर होता क्या है, आज कल तो सब लोग चालाक है सब सेम-सेम प्लान बना लेते हैं। और फिर आपको सुबह-सुबह भी लम्बी लाइन में लगना पड़ता है। तब आपके मुँह से जो बात निकलती है वो कुछ ऐसी होती है- हे भगवान जी अगर सुबह-सुबह भी लाइन लगवानी थी तो फिर नींद क्यों ख़राब करवाई?’
इतने कम दाम में ऐसा रूम, ‘अभी बुक करता हूँ’ ।
आजकल घूमने फिरने जाने से पहले होटल रूम बुक कर लेने का चलन काफी बढ़ गया है। लोग इंटरनेट की सहायता से अपनी सुविधाओं वाला होटल मिनटों में बुक कर लेते हैं। मगर कभी-कभी इसमें होटल्स की तरफ से काफी चालाकी कर ली जाती है खासकर उनके होटल रूम्स एवं अन्य सुविधाओं से जुड़ी तस्वीरों में।
अभी कुछ दिनों से सोशल मीडिया, मेंनस्ट्रीम मीडिया में एक विदेशी पर्यटक की स्टोरी काफी ट्रेंड कर रही है। जेनी केशों नामक एक पर्यटक ने वियतनाम का एक होटल रूम उसका (टेरिस पूल) देखकर बुक किया था। जेनी की तमन्ना थी कि वो अपनी छुट्टियों में होटल के पूल में जमकर मस्ती करेगा। मगर जब वो अपने सपनों के स्विमिंग पूल के पास पहुंचे तो वहाँ कोई स्विमिंग पूल था ही नहीं! बल्कि वहाँ एक हॉट टब था। जिसकी तस्वीरों को बड़े ही तरीके से खींचकर वेबसाइट में डाला गया था ताकि देखने पर वो एक शानदार स्वीमिंग पूल लगे।
यहीं चलों हिडन ट्रैवल डेस्टिनेशन है ये।
पिछले कुछ सालों में पर्यटकों के स्वभाव में एक विशेष बदलाव देखने को मिला है। आज कल लोग उन जगहों में अपनी छुट्टियाँ बिताना ज्यादा पसंद करते है जहाँ कम लोग जाते हों। मतलब पर्यटकों के लिहाज़ से वह शांत, कम भीड़-भाड़ वाली जगह होनी चाहिए। इसके लिए अपने तजुर्बे के अलावा लोग ट्रैवल एजेंट, दोस्त-रिश्तेदारों की राय से एक हिडन ट्रैवल डेस्टिनेशन चुनते हैं। मगर वहाँ पहुँचाने पर पता चलता है कि भईया यहाँ बाकि सब भी यही सोचकर आये थे कि इधर चलो शांत जगह है सकून मिलेगा। जबकि अब तो यहाँ भी मछली बाज़ार बना हुआ है यार!
अगली बार बर्फ घर से लेकर आऊंगा।
सफ़ेद चमचमाते बर्फ के पहाड़ों, मैदानों की सैर भला किसे पसंद नहीं होती? हममें से हर कोई कभी न कभी ऐसी ही जगहों जाकर स्नो फॉल के वक़्त मस्ती करना चाहता है। मगर स्नो फॉल तो कुदरत की देन है हालाँकि इसका एक मुकर्रर वक़्त होता है मगर फिर भी कुदरत तो कुदरत है वो आपकी मर्ज़ी से तो शिमला, मनाली में बर्फबारी शुरू नहीं कर देगी न।
इसलिए, यहाँ जाने वाले पर्यटक सारे रास्ते भगवान् से मनाते जाते है कि ‘भगवान जी प्लीज् स्नो फॉल कर देना बस हम शिमला पहुँचाने ही वाले है’ मगर जब वो वहाँ पहुंचाते तो पता चलता है कि अभी आपके आने से पहले तो हो रही थी बस अभी-अभी बंद हुई है। इंतज़ार कीजिये, शायद फिर शुरू हो जाए थोड़ी देर में! और पर्यटकों का ये इंतज़ार उनकी पूरी छुट्टियाँ निगल जाता है मगर भगवान् जी आपकी रिक्वेस्ट पूरी नहीं करते। कई बार तो जैसे ही आप वापसी के लिए निकलते है ठीक उसी समय स्नो फॉल दोबारा से शुरू हो जाती है।
और पढ़े