देश की राजधानी दिल्ली एक ऐसा स्थान है जहाँ हर कोई कभी न कभी घूमने आना चाहता है। बात मुगलों की बनाई शानदार इमारतों की हो या लोकतंत्र के मंदिर हमारी संसद की या फिर तेज़ी से मॉल कल्चर में बदलती यहाँ की संस्कृति की। ये शहर अपने अंदर इतनी कहानियां समेटे बैठा है कि यहाँ की हर गली-मोहल्ले का अपना एक इतिहास है उसके देखे-अनदेखे अच्छे बुरे किरदार हैं ।
तो, आइये जाने कि अगर आप देश के किसी अन्य हिस्से से दिल्ली घूमने आते हैं तब कौन से ऐसे पर्यटन स्थल हैं जहाँ आप दिल्ली मेट्रो से आसानी से पहुँच सकते हैं। मगर यदि आपके साथ आपके परिवार के बुज़ुर्ग एवं बच्चे है तो अच्छा होगा कि आप रेलयात्री कैब सर्विस बुक कर अपने दिल्ली दर्शन की तमन्ना पूरी करें। इससे एक ओर जहाँ आप बिना किसी परेशानी के दिल्ली घूम पाएँगे वहीं आप उन स्थानों को भी बड़े आराम से जा सकते हैं जो पर्यटन स्थल दिल्ली मेट्रो से सीधे तौर पर नहीं जुड़े हुए या वहाँ तक सीधी कोई मेट्रो लाइन नहीं है।
लालकिला एवं अन्य- चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन-
दिल्ली के सबसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में से एक चांदनी चौक वो स्थान है जहाँ आप आसानी से दिल्ली मेट्रो द्वारा पहुँच सकते हैं। इस स्टेशन से बाहर निकलते ही आप यहाँ स्थित एतिहासिक गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहब के दर्शन कर सकते हैं, साथ ही गुरुद्वारे में रोज़ाना आयोजित होने वाले लंगर का स्वाद भी लें सकते हैं। मुख्य सड़क पर महज़ 5 मिनट पैदल चलकर आप लालकिले तक पहुँच सकते हैं।
अगर आप खाने-पीने के शौकीन हैं तो चांदनी चौक में उसके लिए एक से बढ़कर एक बढ़िया दुकानें हैं। पुरानी दिल्ली के इस अहम हिस्से में मौजूद जामा मस्जिद भी यहाँ आये पर्यटकों को बेहद लुभाता है शाहजहाँ के द्वारा बनवाए इस मस्जिद में 25 हज़ार लोग एक साथ नमाज़ पढ़ सकते हैं। जामा मस्जिद लाल किले से तक़रीबन 500 मीटर दूर स्थित है आप इस पूरे इलाके का मज़ा पैदल घूमकर ले सकते हैं।
अक्षरधाम मंदिर- अक्षरधाम मंदिर मेट्रो स्टेशन-
दिल्ली नॉएडा मेट्रो लाइन पर पड़ने वाला अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन अक्षरधाम मंदिर से सिर्फ 5 मिनट की दूरी पर स्थित है। आप मेट्रो के भीतर से भी अक्षरधाम मंदिर की झलक देख सकते हैं। 100 एकड़ भूमि पर बना यह मंदिर भारतीय वास्तुकला का अद्भुत एवं आधुनिक उदाहरण है। एक आंकड़ें के अनुसार दिल्ली आने वाले 70 प्रतिशत पर्यटक इस मंदिर के दर्शन के लिए ज़रूर आते हैं। मंदिर के अलाव आप यहाँ बने अभिषेक मंडप, वॉटर शो, नौका विहार, एक्सिबिशन एवं खूबसूरत गार्डन का लुत्फ़ ले सकते हैं।
कुतुबमीनार- कुतुबमीनार मेट्रो स्टेशन-
ईरानी वास्तुकला की तक़रीबन 238 फिट ऊँची यह मीनार दक्षिण दिल्ली में स्थित है। यहाँ भी आप दिल्ली मेट्रो द्वारा बिना किसी परेशानी के पहुँच सकते हैं। “कुतुबमीनार मेट्रो स्टेशन” से इसकी दूरी मात्र पांच मिनट की है। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल इस मीनार के बारे में कहा जाता है कि कुतुबुदीन ऐबक ने इसका निर्माण अफ़गानिस्तान में बनी जाम की मीनार से प्रेरित होकर करवाया था।
झंडेवालान मंदिर, झंडेवालान मेट्रो स्टेशन-
झंडेवालान मेट्रो स्टेशन का नाम इस स्टेशन के नज़दीक स्थित एतिहासिक एवं प्राचीन झंडेवालान मंदिर के नाम पर है। दिल्ली के इतिहास के अनुसार यह अरावली की पहाड़ियों का स्थान है जहाँ प्राचीन काल में बहुत से साधू-संत ध्यान साधना के लिए आते थे। आप मेट्रो स्टेशन से पैदल ही 10 मिनट की दूरी तय कर मंदिर पहुँच सकते हैं। नवरात्री के दिनों में यहाँ की रौनक देखते ही बनती हैं।
लोटस टेम्पल एवं इस्कॉन टेम्पल, नेहरु प्लेस मेट्रो स्टेशन-
नेहरु प्लेस मेट्रो स्टेशन से पांच मिनट की दूरी पर स्थित लोटस टेम्पल बहाई यानी एकीश्वर के सिद्धांत पर निर्मित अनोखा मंदिर है। यहाँ आपको किसी एक धर्म के बजाए विभिन्न धर्मों को जानने का अवसर मिलता है। वहीं कमल के फूल की आकृति के रूप में बना ये टेम्पल ये सन्देश देता है कि कीचड़ में खिलने के बावजूद जैसे कमल स्वच्छ एवं पवित्र हो सकता है। मनुष्यों को भी धार्मिक प्रतिस्पर्धा एवं पूर्वाग्रहों के बीच रहकर भी स्वयं को भटकने से बचाए रखना चाहिए। यहाँ लोग मात्र पर्यटक की तरह ही नहीं बल्कि प्रार्थना सभा में भाग लेते हैं जो हर एक घंटे में पांच मिनट के लिए आयोजित की जाती है।
वहीं अगर आप नेहरु प्लेस आकर भी यहाँ स्थित इसकों टेम्पल नहीं गए तब आपकी यात्रा अधूरी ही है। देशभर में बने इस्कॉन टेम्पल में से एक बहुत ही खूबसूरत एवं भव्य इस्कॉन टेम्पल नेहरु प्लेस मेट्रो स्टेशन से मात्र 1 किलोमीटर यानी 5 मिनट की दूरी पर स्थित है। भगवान् कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में जन्माष्टमी के अलावा रामनवमी, जगन्नाथ रथयात्रा एवं बाकी सभी हिन्दू त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं।
इंडिया गेट, बारहखम्बा मेट्रो स्टेशन-
वैसे तो इंडिया गेट को किसी परिचय की ज़रूरत नहीं है, मगर फिर भी आपको बता दें कि इस स्मारक की स्थापना भारत के उन 70,000 सैनिकों की याद में की गई थी जो सभी भारतीय फौज के वो सैनिक थे जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपनी शाहदत दर्ज करवाई थी। बाराखम्बा मेट्रो स्टेशन से 10 मिनट की पैदल दूरी तय कर आप यहाँ पहुँच सकते है। रोज़ाना शाम सूरज ढलने के बाद यहाँ पर्यटकों का अच्छा खासा मेला देखने को मिलता है।
छतरपुर मंदिर, छतरपुर मेट्रो स्टेशन-
छतरपुर मंदिर छतरपुर मेट्रो स्टेशन से लगभग 1 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर का असल नाम श्री आधया कात्यायनी शक्ति पीठ है। इस मंदिर की आकृति दक्षिण भारतीय मंदिरों के जैसी है। विशाल हरे-भरे क्षेत्र में लगे मंदिर के बगीचे इसकी शोभा में चार चाँद लगाते हैं। नवरात्री एवं दुर्गापूजा में यहाँ की रौनक देखते ही बनती है।
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Very nice
Nice journey
अच्छी जानकारी दी आपने