ये तोहफ़ा है देश के वीरों के नाम !

0
2207

किसी भी देश के नागरिकों के लिए उनकी सुरक्षा का विषय बेहद महत्वपूर्ण होता है। हमारे भारत देश के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण विषय है। ऐसे में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए माँ भारती के लाखों सपूत दिन रात पहरी बन उसकी रक्षा में लगे रहते है। कैसा भी मौसम हो, कैसी भी जगह हो। जीरो डिग्री वाले सियाचिन के दुर्गम बर्फ़िलें पहाड़ हो या फिर गर्म हवा के थपेड़ों वाली रेगिस्तानी धरती! हमारे रणबांकुरे हर वक़्त अपनी जान जोख़िम में डाल माँ भारती की रक्षा के लिए डटे रहते हैं।

वहीं बोर्डर के अलावा देश के भीतर होने वाली किसी भी प्रकार की लॉ एंड ऑर्डर की समस्या के लिए हमारे राज्यों की पुलिस एवं पैरामिलेट्री के जवान सदैव अपनी जान हथेली पर लेकर देश के नागरिकों की जानों माल की रक्षा करते हैं।

माँ भारती के ऐसे ही सपूतों एवं उनके परिवार के लोगों के लिए भारतीय रेलवे द्वारा उनकी यात्रा के लिए कुछ रियायतें दी जाती है। स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर पढियें उन्हीं रियायती योजनाओं के बारे में

रक्षा कोटा (डीएफ)

Railway Quota

रक्षा कोटा भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए लागू है, जिसमें सेना, नौसेना वायुसेना और पैरामिलेट्री फ़ोर्स शामिल है। इस कोटा के अंतर्गत देशभर की लगभग सभी ट्रेनों में 2 सीटें आरक्षित हैं। इन टिकट्स को आधिकारिक उद्देश्यों के लिए रक्षा कोटा के तहत बुक किया जा सकता है जैसे कि भारत के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में बलों के स्थानांतरण या आंदोलन। इसका इस्तेमाल व्यक्तिगत रक्षा कर्मियों द्वारा घर से अपनी छुट्टी के बाद वापस ड्यूटी जॉइनिंग के लिए भी किया जा सकता है।

इस कोटा के तहत टिकट बुक करने के लिए रक्षा कर्मियों को स्थानीय स्टेशन के एमसीओ (मूवमेंट कंट्रोल ऑफिस) से एक विधिवत भरे हुए बुकिंग फॉर्म एवं अपने भारतीय सशस्त्र बल पहचान पत्र के साथ संपर्क करना होता है। थोक बुकिंग के मामले में, एक रक्षा कर्मचारी सभी यात्रियों के लिए अधिकारी बुकिंग फॉर्म और पहचान पत्रों की फोटोकॉपी पर्यवेक्षण द्वारा प्रमाणित पत्र के साथ एमसीओ से संपर्क कर सकते हैं।

सैन्य अधिकारियों के लिए नियम-

सैन्य अधिकारी, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी या वायुसेना कॉलेज या नौसेना प्रशिक्षण प्रतिष्ठान के कैडेट, जूनियर कमिश्नर अधिकारी, वारंट अधिकारी, नौसेना के मुख्य जेट्टी अधिकारी रक्षा सेवा में कुछ गैर योद्धा सैन्य पेंशनभोगी, रेजिमेंटल री.यूनियनों और सैन्य नर्सिंग सेवाओं के सदस्यों में भाग लेने की यात्रा।

नोट- बुकिंग या रियायती विधिवत भरे फॉर्मों को पर्यवेक्षण अधिकारियों के साथ-साथ रेलवे अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना अनिवार्य है।

बहादुरों की विधवाओं के लिए रियायतें-

Railway rules

हमारे बहादुर शहीदों के अंतिम बलिदान का सम्मान करने के लिए भारतीय रेलवे युद्ध विधवाओं को लाभ की एक सूची प्रदान करता है। भारतीय रेलगाड़ियों पर यात्रा करने वाली किसी भी शहीद सैनिक की विधवा दूसरे और स्लीपर कक्षाओं में 75% की रियायत का लाभ उठा सकती है। यह रियायत सीमा आतंकवादियों और चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई में  शहीद हुए अर्धसैनिक कर्मियों और अन्य रक्षाकर्मियों की विधवाओं के लिए भी लागू होती है। आईपीकेएफ (भारतीय शांति रक्षा सेना) के कई जवानों को श्रीलंका में और ऑपरेशन विजय (कारगिल) युद्ध के दौरान वीरगति प्राप्त हुई थी।

नोट- केन्द्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) द्वारा जारी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर युद्ध विधवाएं इस छूट का लाभ प्राप्त कर सकती हैं।

गैलेन्ट्री पुरस्कार विजेताओं और उनकी विधवाओं के लिए रियायतें-

Gallantry-Award winners

परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्तिचक्र, वीरचक्र और शौर्यचक्र जैसे पुरस्कारों के विजेता के लिए प्रथम एवं द्वितीय एसी कक्षाओं की यात्राएं निशुल्क होती हैं। छूट का यह नियम विजेताओं की विधवाओं के लिए भी एक साथी के साथ लागू है।

नोट- बुकिंग प्रक्रिया के दौरान केएसबी द्वारा जारी पुरस्कार प्रमाण पत्र या एक पहचान पत्र दिखाकर छूट का लाभ उठाया जा सकता है।

पुलिस अधिकारियों के लिए रियायतें-

Indian police railway facility

बात करते हैं हमारे राज्यों की सिविल पुलिस के लिए उपलब्ध रियायतों एवं कोटा के विषय में। इस रियायत की सीमा, यात्रा के उद्देश्य पर निर्भर करती है। कर्तव्य पर यात्रा करने वाले पुलिस अधिकारी मुख्यालय में अपने पहचान पत्र के साथ मुख्यालय में प्रमाणित बुकिंग फॉर्म जमा करके भारी रियायत का लाभ उठा सकते हैं।

नोट- ये रियायत इंस्पेक्टर या हेड वार्डन (जेल के मामले में) के पद पर उपलब्ध नहीं है।

पुलिस अधिकारियों की विधवाओं के लिए छूट-

उन बहादुर पुलिस अधिकारियों की विधवाएं, जो चरमपंथियों या आतंकवादियों के खिलाफ लड़ते समय शहीद हुए, उन्हें द्वितीय श्रेणी एवं स्लीपर क्लास की टिकट पर 75% की रियायत किसी भी उद्देश्य के लिए यात्रा करते समय दी जाती है।

नोट- किसी भी लाभार्थी के लिए यात्रा पूर्व अपने दस्तावेज़ यात्रा संबंधी उद्देश्य के साथ विभाग के उच्च अधिकारीयों से प्रमाणित करवाना अनिवार्य होता है।

और पढ़ें

रेलयात्री से क्यों बुक करें                               रेलयात्री होटल्स