भारतीय रेलवे, जो दुनिया के सबसे लंबे रेलवे नेटवर्क में से एक है, के पास अपने यात्रियों को सभी प्रकार के अनुभव देने की क्षमता है। इन्हीं अनेकों तजुर्बों में से एक है भारत के कुछ अजीबो-गरीब एवं रहस्मयी रेलवे स्टेशनों की कहानियाँ।आइए एक नज़र डालते हैं भारत के रहस्मयी रेलवे स्टेशनों की कुछ कही अनकही कहानियों पर।
बरोग स्टेशन (बीओएफ), शिमला–
शिमला के रेलवे स्टेशन के करीब स्थित सुरंग नं 33 का नाम इसे बनाने वाले इंजीनियर – कर्नल बरोग के नाम पर ‘बरोग टनल’ रखा गया था। कहते हैं कि इस टनल के आस-पास कईं स्थानीय लोगों ने असाधारण गतिविधियां घटते देखी हैं। यहाँ प्रचलित एक कहानी के अनुसार, सुरंग का निर्माण एक ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बरोग ने किया था। निर्माण के दौरान कर्नल का एक फैसला उनके मातहतों के सामने उनके अपमान का कारण बन गया।
कर्नल बरोग की इस मामले में ख़ासी फज़ीहत भी हुई थी जिसे कर्नल बर्दाश्त नहीं कर पाए और अवसाद में चले गए। और फिर एक दिन कर्नल बरोग ने सुरंग के किनारे टहलते हुए आत्महत्या कर ली। बाद में उन्हें इसी सुरंग के पास दफना दिया गया था। इसके तुरंत बाद, सुरंग के आस–पास अजीबों-गरीब घटनाएं होनी शुरू हो गईं थी। कईं लोगों ने इस बात का दावा किया कि सुरंग के भीतर उन्होंने कर्नल बरोग की उपस्थिति महसूस की थी।
बेगुन कोदोर स्टेशन, पश्चिम बंगाल–
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के नज़दीक स्थित ये छोटा सा रेलवे हॉल्ट तक़रीबन पिछले 42 सालों से लगातार विवादों में है। दरअसल सालों पहले यहाँ घटी एक कथित घटना के बाद से ये रेलवे हॉल्ट भूतिया घोषित किया जा चुका है। कहते हैं कि सालों पहले एक दिन शाम ढलने के बाद रेल दुर्घटना में एक महिला की मृत्यु हो गयी और कई रेलयात्री इसके साक्ष्य बने। उस घटना के बाद से ये जगह भूतिया घोषित कर दी गयी। ऐसा कहा जाता है के कईं लोगों ने उस महिला के साये को दुर्घटना स्थल के पास घूमते देखा, और जिसने भी देखा, वह भी जल्द ही काल के गाल में समा गया।
इसलिए, मुसाफिरों ने इस हॉल्टनुमा स्टेशन से अपनी गतिविधियां बंद कर दीं। रेल अधिकारी भी इस घटना से इतने ख़ौफ़ज़दा थे की इस परिसर में टिकते ही नहीं थे। आखिरी बार 1967 में एक रेलवे कर्मचारी ने सफेद साड़ी में लिपटे हुए एक साए को देखा था जिसके बाद उसकी भी मौत हो गई थी। हालांकि 2009 में, इस रेलवे स्टेशन को फिर से खोल दिया गया था, लेकिन यात्रियों के दिलों में डर अभी भी गहरा है। आज भी लोग इस स्टेशन के इस्तेमाल से परहेज़ ही करते हैं।
नैनी स्टेशन, उत्तर प्रदेश–
प्रयागराज के नज़दीक स्थित नैनी जेल, जहाँ कई स्वतंत्रता सैनानियों को अंग्रेज़ों द्वारा प्रताड़ित किया गया था जिस कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। नैनी रेलवे स्टेशन इस जेल से कुछ ही दूरी पे स्थित है। हालांकि यहाँ कभी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, फिर भी लोगों ने इस स्टेशन के बारे में एक अजीब सी धारणा बना रखी है। लोगों का मानना है कि मृत स्वतंत्रता सेनानियों की आत्माएं आज भी स्टेशन के आस पास ही भटकती हैं और रात के समय यहाँ रोने चिल्लाने की आवाज़े सुनाई पड़ती हैं मानो आस-पास ही किसी को यातनाएं दी जा रही हों।
चित्तूर स्टेशन (सीटीओ), आंध्रप्रदेश–
यह भारत के रहस्मयी रेलवे स्टेशनों की सूची में जुड़ा एक नया नाम है। ऐसा सुना गया है कि इस स्टेशन के परिसर में हरि सिंह नाम के एक सीआरपीएफ अधिकारी का साया मंडराता है जिस पर अक्टूबर, 2013 में ड्यूटी के दौरान उसके ही एक साथी ने एक मामूली विवाद के चलते जानलेवा हमला कर दिया था जिसके बाद हरि सिंह कि मृत्यु हो गयी थी।
क्या आप कभी इन स्टेशनों से गुज़रे हैं या आपके पास भी ऐसी ही किसी रेलवे स्टेशन की रहस्मयी कहानी है? हमें कमेंट कर ज़रूर बताएँ।
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