बरसात के दिनों में रेलयात्रा के दौरान अक्सर यात्रियों को जिस सबसे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है वो है, उनकी तबीयत का अचानक खराब हो जाना। दरअसल ज़्यादातर मामलों में ऐसा यात्रा के दौरान खुले में बिक रहे भोजन आदि के सेवन के कारण होता है। मगर यात्रियों को ये बातें समझ नहीं आती, उन्हें लगता है कि ऐसा शायद सफ़र की थकान और हवा-पानी बदलने के कारण हुआ है।
सफर के दौरान होने वाली भोजन संबंधी परेशानियों से निज़ात दिलाने के लिए रेलयात्री डॉटइन ऐप्प तथा अनेक रेस्टोरेंट्स साथ मिलकर रेलयात्रियों को साफ-सुथरा एवं स्वादिष्ट भोजन पहुंचा रहे हैं। रेलयात्री डॉटइन सैकड़ों रेलयात्रियों को अपनी सेवाएँ उपलब्ध करा कर उनकी यात्रा को सुखद बना रहा है।
जानिए क्यों होता है ऐसा एवं किस तरह की बीमारियों का करना पड़ सकता है सामना
बरसात के दिनों में मौसम में हुए परिवर्तन से वातावरण में नमी काफी अधिक मात्रा में बढ़ जाती है। इस कारण बैक्टीरिया भी बहुत अधिक संख्या में यहाँ-वहां पनपने लगते है। ऐसे में रेलयात्रा के दौरान स्टेशनों पर उपलब्ध ठेले-खोमचों पर बिक रहा खाद्य पदार्थ भी बड़ी आसानी से इनसे प्रभावित हो जाता है। सफ़र के दौरान सीमित विकल्पों के कारण आपको न चाहते हुए भी रेलवे स्टेशनों में उपलब्ध ठेले-खोमचों में बिक रहा खाद्य पदार्थ ही खरीद कर खाना पड़ता है।
घर का खाना भी हो सकता है नुकसानदेह
हालाँकि आज भी ज़्यादातर रेलयात्रियों की पहली पसंद घर से साथ लाया खाना ही होता है। मगर उसके साथ भी समस्या यह है की लंबे समय तक बैग या थैले आदि में बंद पड़े रहने के कारण साथ लाया खाना ठंडा हो जाता है वहीं उसके स्वाद में भी कमी आ जाती है। साथ ही उनमें भी बैक्टीरिया बहुत तेज़ी से फैलता है। जिसके बारे में ज़्यादातर यात्रियों को अंदाज़ा भी नहीं हो पाता। वो घंटों बाद उस बंद और बांसी भोजन का सेवन कर लेते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
तत्काल होने वाली बीमारियाँ
बांसी या दूषित भोजन करने से सफ़र के दौरान ही रेलयात्रियों को कई बीमारियाँ हो सकती है। इन बीमारियों का प्रभाव भी तुरंत दिखने लग जाता है जिनमें पेट में इंफेक्शन हो जाना, फ़ूड प्वाईजन के अलावा बार-बार दस्त होना, कमजोरी लगना, उल्टी और बुखार होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चों एवं वृद्ध लोगों को करना चाहिए विशेष परहेज़
यदि आप के साथ कोई गर्भवती महिला यात्रा कर रही है तो इस दौरान उसके भोजन का विशेष ध्यान रखें। उन्हें यात्रा के दौरान खुले में बिक रहे भोजन का सेवन कतई न करने दें। फल आदि भी साथ लेकर चले रास्ते से न खरीदें। याद रहे कि भोजन का गलत चुनाव न सिर्फ गर्भवती महिलाओं को बल्कि उनके होने वाले बच्चे को भी हानि पहुंचा सकता है। छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों दोनों की ही इम्यूनिटी पॉवर कमज़ोर होती है। ऐसे में अगर बरसात के दिनों में आप छोटे बच्चो या बुजुर्गों के साथ रेलयात्रा कर रहे हैं तो उनके खाने-पीने का भी विशेष ध्यान रखें।
पानी भी देखकर पिये
मेडिकली यह बात प्रमाणित है कि ज़्यादातर बीमारियों की एक मुख्य वजह दूषित जल का सेवन करना है। पानी भी इन दिनों बड़ी तेज़ी से दूषित हो जाता है इसलिए घर से निकलते समय अपने साथ उबला हुआ पानी लेकर चले। यात्रा के दौरान भी सिर्फ बोतल बंद पानी का ही सेवन करें। यहाँ-वहाँ स्टेशन में उपलब्ध सार्वजानिक नल का पानी पीने से बचे।
Rajsthans train manegment in insid is very dirty because train is dirty . toilet wash basin ect are also very dirty. But food is Good
thanks for the first