जब रेलयात्री डॉटइन ने रेलयात्रियों को सफर के दौरान होने वाली भोजन संबंधी परेशानियों से निज़ात दिलाने के लिए रेलयात्री मील सर्विस शुरू की तब हमें तलाश थी, ऐसे भरोसेमंद साथियों की जिनकी दिलचस्पी समर्पित सेवा भावना की हो और जो रेलयात्रियों को साफ-सुथरा एवं स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध करा कर उनकी रेलयात्रा को सुखद बना सके।
इस दौरान रेलयात्री डॉटइन के विशेषज्ञों की टीम ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बने कई होटल एवं रेस्टोरेंट का जायज़ा लिया। टीम ने वहां के खाने की गुणवत्ता के अलावा अन्य सेवाओं से जुड़ी जानकारी भी जुटाई। इसमें उनका अपने मेहमानों से व्यवहार, किचन टीम एवं डिलीवरी टीम का कार्यानुभव, रेलवे में पार्सल डिलेवरी एवं आधुनिक तकनीक के प्रति ज्ञान आदि को भली-भांति जांचा-परखा गया। ताकि रेलयात्रियों को उनकी पसंद एवं जरूरत के मुताबिक बेहतरीन भोजन उपलब्ध कराया जा सके।
जानिए हमारे ऐसे ही कुछ सहभागी रेस्टोरेंट के बारे में-
- होटल सोलन, राउरकेला- 48 सालों का विश्वास एवं लगातार सेवा में तत्पर
सन 1968 में उड़ीसा के राउरकेला शहर में बने होटल सोलन को आज उसकी नींव रखने वाले आम्या विश्वास की तीसरी पीढ़ी सफलतापूर्वक चला रही है। बदलते वक्त के साथ होटल ने भी खूब तरक्की की और स्वयं की सेवाओं का विस्तार किया है। आज भी यह होटल अपनी दशकों में बनी विश्वसनीय सेवा के लिए जाना जाता है।
- आइस एण्ड स्पाइस, नागपुर- यहां का हर स्वाद है लाजवाब
वैसे तो खट्टे-मिटठे संतरों की खुशबू बिखेरते ऑरेंज सिटी के नाम से प्रसिद्ध नागपुर शहर की पहचान गोड समुदाय के मराठा सैनिकों से लेकर ऐतिहासिक धरोहरे तक है जो नागपुर का शान कहलाती है। जब लोग उसकी अहमियत को, उसके इतिहास को भूलने लगे तब नागपुर निवासी अंकित दीवानी ने इसे सहेजने का फैसला किया। अंकित ने शहरवासियों को इस धरोहरों के साथ जोड़ने के लिए वहां एक रेस्टोरेंट शुरू करने को फैसला किया। जिससे इमारत को तो नया जीवन मिल गया साथ ही नागपुर शहर को एक शानदार रेस्टोरेंट भी तोहफे में मिल गया। उनका आइडिया काम कर गया आज आइस एण्ड स्पाइस रेस्टोरेंट अपनी पुरानी पहचान के साथ ही एक नई पहचान भी बना चुका है।
- रेड कार्पेट, गोवा- पेशेवर अंदाज, लाजवाब स्वाद
गोवा के रेस्टोरेंट रेड कार्पेट के ऑनर मोहनजीत सिंह वैसे तो बचपन से ही एक अच्छे शेफ है, मगर अपने हुनर को निखारने एवं होटल इंडस्ट्री की बारीकियों को समझने के लिए बकायदा होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई एवं नौकरी कर अनुभव बटोरा ताकि इनके मेहमानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पडे। वहीं रेडकार्पेट के नार्थ इंडियन, पंजाबी क्वीज़ीन की 40 से ज्यादा वैराइटी के दीवाने जितने गोवा वासी है उतना ही पर्यटकों एवं रेलयात्रियों का भी ये पसंदीदा रेस्टोरेंट है।
- खाना घर का, शोलापुर- यहाँ सेवा को मिलती है प्राथमिकता
सालों रेलयात्रा के सफर में साफ-सुथरा खाने की दिक्कत झेलने से मिले कड़वे अनुभव के बाद शोलापुर के कोच्चर परिवार का शुरू किया ‘खाना घर का‘ रेस्टोरेंट उम्मीदों का एक ऐसा ठिकाना है, जो व्यापार से ज्यादा सेवा पर विश्वास करता है। तीन लोगों की घरेलु किचन टीम शोलापुर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाले मुसाफिरों के साथ-साथ अपने शहर के कई बैचलर्स को भी सेवाएं उपलब्ध करा रही है। यहां के खाने में आपको ना सिर्फ शुद्धता की गारंटी मिलती है बल्कि सफर के दौरान घर जैसे स्वाद का मज़ा भी मिलता है।
- होटल कुणाल, आबूरोड़- रेलयात्रियों के लिए यहां उपलब्ध है ट्रेवल फैंन्डली मील
सफर के दौरान अक्सर लोग तेज मसालेदार खाना खाने की वजह से बीमार पड़ जाते हैं। कभी-कभी तो इसका असर सफर के दौरान ही दिखने लग जाता है जब अचानक उल्टी और दस्त की शिकायत हो जाती है। ऐसे में आबूरोड़ के होटल कुणाल रेलयात्रियों को परोसे जाने वाले व्यंजनो को ऐसे निर्धारित मानकों के अनुसार तैयार करता है ताकि उनका स्वाद भी बना रहे साथ ही सफर के दौरान या बाद में किसी मुसाफिर को फूड प्वाइज़न या कोई अन्य गंभीर समस्या भी ना हो पाए। यानि हल्के मसाले तेल वाला सुपाच्य ट्रेवल फैंन्डली मील।
श्रीमान जी,
आपका भोजन की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास सराहनीय है।लेकिन जो व्यक्ति शाकाहारी हैं उन्हें सिर्फ शाकाहारी किचन से बना खाना मिलने में बहोत परेशानी का सामना करना पड़ता है। बहोत ही कम स्टेशनों में ऐसी ब्यबस्था है।
उदहारण के तोर पर ,वाराणसी स्टेसन पर समोसा तक नान वेज किचन का बना मिलता है,कटनी,कोलकाता रौरकेला,टाटा,झारसुगुड़ा ,रायगढ़ ,बिलासपुर ,आदि सैकडों स्टेशन हैं।
ट्रेन के किचन में भी ये व्यबस्था नहीं ,कई बार तो अंडे का छिलका जिस पानी में डालते हैं उसी पानी से चाय बना देते हैं ।
आज ट्रेनों की लंबाई पहले से डबल से भी ज्यादा हो गई हे तो क्यों न वेज व नान वेज किचन ट्रेन में अलग अलग हों
IRCTC के आने के बाद वेज किचन से बना खाना दुर्लभ होता जा रहा है,इसी टाइप की एक संस्था अलग नाम से वेज किचन के लिए भी हो तो ज्यादा अच्छा होगा। दोनों में गुणवत्ता कॉम्पटीशन भी होगा व यात्रियों को लाभ होगा।
सभो स्टेशनों पर वेज किचन व नान वेज किचन अलग अलग होना चाहिए बहोत पहले यह व्यवस्था थी।
प्रत्येक 200 किलोमीटर पर रेल नीर PPP योजना के तहत होना चाहिये,खाना बनानेमें भी रेल नीर का प्रयोग होना चाहिए।
सनम्र निवेदन है शाकाहारी शुद्ध खाना भी उपलब्ध करवाएं।शाकाहारी संस्कृति की रछा करें।
सामिष भोजन वालों से नफरत इस पत्र का मकसद नहीं।
बहोत पहले ट्रेन में सिर्फ वेज ही बनता था ,नॉन वेज के पैकेट कई स्टेसनो से आकर वेज खाने के साथ सप्लाई होते थे।
धन्यवाद।
Very good suggestion.Please take action in this regard immediately by the railways authority.
Hello Rakesh,
Thanks for your comment. But we would like to keep you informed that RailYatri.in is an independent company, not a part of Indian railways. Our smart app and website are dedicated to the cause of making train travel easier for the passengers.
Very nice information and thoughts.
Something is better than nothing.
THANKS A LOT.
In India more people are Veg. So govt.should care of them.
बहुत अच्छा लगा। मेरा सुझाव है कि शाकाहारी भोजन 100% शाकाहारी हो और गाड़ी जिस प्रदेश में से गुजर रही हो उस प्रदेश के प्रसिद्ध और प्रमुख व्यंजन मीनू में शामिल होने चाहिए।
Mr Yadav, we do have local delicacies served at some of the stations across India. Do check out RailYatr’s Book A Meal menu and gorge onto some of the local flavours whenever you take a train ride across those stations.
Regards.
Sugar free tea should also be made available in the train/ stations in the hot pots.
Sure Sir definitely we will seriously work on Your suggestion. Thanks