क्या आपको पता है रेलवे की इन सुविधाओं के बारे में

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कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैले भारतीय रेलवे द्वारा आम रेलयात्री की सुविधाओं के लिए कई नियम-कानून बनाए गए है। मगर जानकारी के अभाव में इन सुविधाओं का लाभ रेलयात्रियों नहीं मिल पाता। यहाँ हम बात कर रहे है विशेषकर उन यात्रियों के बारे में जो या तो किसी असाध्य रोग से पीड़ित होते है या फिर दिव्यांग होते है। भारतीय रेलवे द्वारा ऐसे रेलयात्रियों के लिए विशेष छूट एवं कोटे का प्रावधान है। हमारे इस ब्लॉग में पढ़िए और जानिए उन्हीं विशेष नियम कानूनों के बारे में-

सीट का कोटा-

reserve ticket for disable travellers

बात अगर सीट के कोटा की करे तो यह मूलतः दिव्यांग यात्रियों के लिए होता है। इस नियम के अनुसार लम्बी दूरी की लगभग सभी रेलगाड़ियों में दिव्यांग यात्रियों के लिए प्रत्येक बोग्गी में 2 स्लीपिंग बर्थ आरक्षित होती है। ये बर्थ नीचे की बर्थ होती है वहीँ दिव्यांग यात्री के साथी अटेंडर के लिए भी हर बोगी में 2 सीट्स आरक्षित रहती है।

अन्य नियम

other rules for patient in Indian railways

दिव्यांग यात्री को जहां नीचे की बर्थ आवंटित की जाने का प्रावधान है वहीँ उसके साथी अटेंडर को साथ की मिडिल बर्थ आवंटित की जाती है। हालाँकि ये नियम ऑनलाइन टिकट बुकिंग के समय थोडा सा परिवर्तित हो जाता है।

ऑनलाइन बुकिंग के समय जहां दिव्यांग यात्री को लोअर बर्थ निश्चित रूप से आवंटित की जाती है वहीँ उसके साथी अटेंडर की बर्थ उसकी बोग्गी में आसपास कहीं और भी आवंटित की जा सकती है। यानि ये ज़रूरी नहीं की अटेंडर साथी की बर्थ दिव्यांग यात्री के साथ ही मिले। ऑनलाइन बुकिंग के समय अटेंडर को मिडिल या अप्पर बर्थ दी जा सकती है।

यदि न अवांटित हो पाए नीचे की बर्थ-

इसके अलावा जब किसी दिव्यांग यात्री को नीचे की बर्थ नहीं मिल पाती तो वहा अपनी बोग्गी में खाली पड़ी किसी अन्य नीचे की बर्थ टी टी ई से ले सकता है। हालाँकि ऐसा तभी संभव है जब गाड़ी चल चुकी हो और फिर भी उस बर्थ का कोई दावा करने वाला नहीं हो। साथ ही ऐसा करने के लिए टी टी ई की अनुमति आवश्यक होती है।

व्हील चेयर एवं स्ट्रेचर की सुविधा-

wheel chair facility for patient in Indian railway

लगभग सभी रेलवे स्टेशनों में दिव्यांग एवं असाध्य रोगों से पीड़ित यात्रियों के लिए व्हील चेयर एवं स्ट्रेचर की सुविधा भी उपलब्ध होती है। स्टेशन मास्टर या फिर रेलवे की अधिकारिक वेबसाइट द्वारा पीड़ित के ओरिजिनल पहचानपत्र एवं मेडिकल दस्तावेजों की सहायता से बुक किया जा सकता है।

टिकट की दर में छूट से जुड़े नियम

procedure to get discount for patient in Indian trains

भारतीय रेलवे के सभी सामान्य नियम टिकट की दर में छूट के नियमों पर भी लागू होते है।

साल 2015 में जारी एक सर्कुलर के बाद से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सेवा शुरू कर दी गयी है। इसके लिए दिव्यांग व्यक्ति को स्थानीय डीविजनल रेलवे मैनेजर के दफ्तर से अपने कुछ दस्तावेजों को सत्यापित कराना होगा, जिसके बाद उसे एक स्थाई फोटो आईडी कार्ड दिया जाएगा। वैसे तो इस कार्ड के बनने की कोई तय समय-सीमा नहीं है किन्तु रेलवे अधिकारियों के अनुसार इसे कम से कम समय में बना कर दिव्यांग व्यक्ति को दे दिया जाता है। कार्ड के बनने के बाद रेलवे द्वारा दिव्यांग व्यक्ति को फोन कर इस बारे में सूचित भी किया जाता है। दिव्यांग यात्री को हर बार अपनी टिकट बुकिंग के समय इस कार्ड में दिए गए नॉ को आई आर सी टी सी की वेबसाइट में कन्सेशन वाले खाने में भरना होगा एवं अपनी यात्रा के दौरान भी इस कार्ड को साथ रखना अनिवार्य है। यदि कभी ये कार्ड खो जाए तो इसे पुनः प्राप्त करने के लिए दिव्यांग व्यक्ति को फिर से इसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिससे वो पहली बार अपने कार्ड के आवेदन के लिए गुज़रा था। साथ ही एफ आई आर की कॉपी लगाना भी अनिवार्य है।

सत्यापन के लिए दस्तावेज:
दो पासपोर्ट साइज़ फोटो
दिव्यांग होने का सरकारी सर्टिफिकेट
एड्रेस प्रूफ़
फोटो आई डी कार्ड

फार्म डाउनलोड करें

पीड़ित यात्री को यह छूट उसके आने-जाने दोनों ही यात्राओं के लिए दी जाती है।

पीड़ित यात्री को अपनी टिकट बुकिंग करवाने के लिए रेलवे के कुछ विशेष नियमों का पालन करना होता है। यात्री को अपने अस्पताल से एक विशेष फार्म भरवाकर रेलवे अधिकारी को कुछ मेडिकल कागजातों के साथ जमा करना होता है। अधिकारी द्वारा दिए गए कागजातों की पुष्ठी के बाद यात्री की टिकट नियम अनुसार बुक कर दी जाती है।

फॉर्म डाउनलोड करें 

रेलयात्रियों की सुविधा के लिए नीचे हम रेलवे की अधिकारिक वेबसाइट का लिंक दें रहे है इसकी सहयता से आप किन बिमारियों पर कितनी छूट है उसे समझ सकते है।

लिंक पर क्लिक कर सूची प्राप्त करें 

नोट भारतीय रेलवे की अधिकारिक वेबसाइट में समय-समय पर बदलाव संभव है।

सुविधा ट्रेन 

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