आमतौर पर विदेशी यात्रा का मतलब फ्लाइट से सफ़र ही समझा जाता है, मगर जैसे कि भारतीय पर्यटक रेलवे द्वारा भी सरहद पार के कुछ देशों की यात्रा भी कर सकते हैं। वैसे ही तेज़ी से विकसित हो रहे यातायात के साधनों की सहायता से अब भारतीय यात्री बस से भी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा कर सकते हैं। आइये जाने भारत से चलने वाली अंतर्राष्ट्रीय बस सेवा के बारे में-
भारत से भूटान
पिछले कुछ सालों में भारतीय पर्यटकों की दिलचस्पी भूटान घूमने जाने में बढ़ी है। इसका कारण भूटान का शांत वातावरण एवं खर्च के मामले में किफायती देश होना है। ऐसे में ज़्यादातर लोग या तो फ्लाइट से भूटान की राजधानी थिंपू जाते हैं या फिर कैब बुकिंग कर जाते हैं। मगर यदि आप कम खर्च में भूटान जाना चाहते हैं तब भारत से भूटान बस की सर्विस ट्राई कर सकते हैं।
आप कोलकाता के एस्प्लानेड नामक स्थान से भूटान के लिए सीधी बस ले सकते हैं। यह बस सेवा कोलकाता से भूटान के फुन्सलिंग तक जाती है जिसमें 22 घंटे का वक़्त लगता है। वहीं बात अगर किराए की करें तो यह तक़रीबन 653 रूपये प्रति यात्री है। फुन्सलिंग से भूटान की राजधानी थिम्पू एवं अन्य स्थानों के लिए हर आधे घंटे में बस चलती है।
भारत से नेपाल
साल 2014 में दिल्ली ट्रासपोर्ट कॉर्पोरेशन द्वारा दिल्ली से काठमांडू के लिए बस सेवा शुरू की जा चुकी है। यह आरामदायक वॉल्वो बस सेवा लम्बे सफ़र के लिए एक बढ़िया विकल्प है। दिल्ली के अम्बेडकर स्टेडियम बस टर्मिनल से चलने वाली ये बस 30 घंटों के सफ़र के बाद आपको काठमांडू पहुंचती है। रास्ते के विहंगम दृश्य जिसमें नेपाल के पहाड़ी और तराई इलाके की मनमोह लेने वाली भरपूर खूबसूरती आपका दिल जीत लेगी। अपने इस सफ़र के लिए आपको तक़रीबन 2300 रूपये प्रति व्यक्ति चुकाने होंगे।
भारत से बांग्लादेश
अगर आप बंगाल के उस हिस्से की सैर करना चाहते हैं जिसे आज़ादी से पहले पूर्वी बंगाल के नाम से जाना जाता था, तब आप कोलकत्ता से बांग्लादेश की बस यात्रा कर सकते हैं। सन 1971 में बना बांग्लादेश भारत की राजधानी रहे अविभाजित बंगाल का हिस्सा है। यहाँ की संस्कृति, भाषा-बोली एवं खान-पान इत्यादि में आपको बंगाल की झलक स्पष्ठ देखने को मिलेगी। आज भी कई भारतीय परिवार हैं जिनके रिश्तेदार बांग्लादेश में रहते हैं ये बस सेवा उनके लिए एक बेहतर विकल्प है। यह पूरी यात्रा 410 किलोमीटर की है जिसके 12 घंटे के सफ़र के लिए तक़रीबन 2000 रूपये प्रति यात्री खर्च होते है।
दिल्ली से लाहौर
साल 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपाई ने पाकिस्तान के साथ मिलकर सरहद-ए-हिन्द नाम से एक बस सर्विस लांच की थी। यह बस सर्विस दिल्ली से लाहौर तक उपलब्ध है। भारत में इसकी ज़िम्मेदारी दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अंतर्गत है। जबकि पाकिस्तान में इसकी देख-रेख वहां का पर्यटन विभाग करता है।
भारत से हर साल हजारों सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान के ननकाना साहब गुरूद्वारे माथा टेकने जाता है। इसके अलावा भी ऐसे कई भारतीय एवं पाकिस्तानी नागरिक हैं जिनके रिश्तेदार दोनों देशों में बसे हुए हैं। उनका भी आना-जाना इस बस से लगा रहता है। बात अगर इस सफ़र की कुल दूरी की करें तो यह तक़रीबन 530 किलोमीटर का है जिसके लिए आपको 2400 प्रति यात्री तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
श्रीनगर से मुज़फ्फराबाद
दिल्ली से चलने वाली सरहद-ए-हिन्द बस की सफलता के बाद साल 2005 में श्रीनगर से मुज़फ्फराबाद के लिए एक अन्य बस सेवा कारवां-ए-अमन शुरू की गई थी। यह बस सेवा पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह एवं पाकिस्तान के पूर्व प्रेसिडेंट परवेज मुशर्रफ के द्वारा शुरू की गयी थी। श्रीनगर से मुज़फ्फराबाद का ये सफ़र तक़रीबन 170 किलोमीटर का है। भारत में यह बस कारगिल एवं जम्मू से होते हुए पाकिस्तान के पीओके वाले क्षेत्र से मुज़फ्फराबाद तक जाती है।
नोट- भूटान की यात्रा के लिए आपको किसी भी प्रकार के पासपोर्ट या वीज़ा की आवश्यकता नहीं होती है। नेपाल के लिए भी आप बिना पासपोर्ट या वीज़ा के यात्रा कर सकते हैं। हालाँकि ये बेहतर होगा कि यदि नेपाल एवं भूटान की यात्रा के दौरान आप किसी सरकारी फोटो पहचान पत्र को साथ लेकर यात्रा करें। वहीं बांग्लादेश एवं पाकिस्तान की यात्रा के लिए आपके पास वैध पासपोर्ट एवं वीजा का होना ज़रूरी होता है।
नोट- ब्लॉग में लिखे गए बस भाड़े में समय के साथ परिवर्तन संभव है।
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