मज़ा लीजिए निर्मल, निराले झरनों के संगीत का

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सर्दियों का सुहावना मौसम आते ही लोगो का मन गुनगुनी धूप में कहीं घुमने जाने को करने लगता है। ऐसे में ज्यादातर लोग अपने परिवार, दोस्तों एवं ऑफिस सहकर्मियों संग किसी मनोरम प्राकृतिक स्थल में घुमने जाने को ही प्राथमिकता देते हैं, इससे इंनकार नहीं किया जा सकता। अच्छी बात ये है कि विविधताओं से भरे भारत देश में मनोरम, प्राकृतिक स्थलों की कोई कमी नहीं और वाकई में ये सारी जगह इतनी मनमोहक है कि एक बार तो यहां जाना बनता ही है। ऐसे में अगर सर्दी की गुनगुनाती धूप में आप भी ऐसे ही किसी मनोरम, प्राकृतिक स्थल में घूमने जाने की योजना बना रहें है तो चलिए ले चलते है आपको नदियों-पहाड़ों और हरियाली भरें जगलों से घिरे झारखण्ड के झरनों की सैर पे-

हुंडरू वाटर फॉल-

hundru waterfall in jharkhand ranchi

झारखण्ड की राजधानी रांची से मात्र 45 किलोमीटर दूर स्थित हुंडरू जलप्रपात स्वर्णरेखा नदी के रास्ते पर है। 322 फीट की ऊँचाई से गिरती चमकती उजली जलधारा की खूबसूरती बस देखते ही बनती है। वहीं आस-पास की छोटी-बड़ी चट्टाने इस झरने के सौन्दर्य में चार चांद लगाती है। नीचे किसी तलाब के रूप में जमा होने वाले पानी में यहां आने वाले पर्यटक जमकर मौज-मस्ती करते है। हालांकि बरसात के दिनों में अधिक मात्रा में जलभराव के कारण ये काफी खतरनाक भी हो जाता है। इस स्थान को राज्य के जाने-माने ट्रेकिंग स्थल के रूप में भी जाना जाता है। पिकनीक के मौसम में यहां सैलानियों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिलती है।

दशम वाटर फॉल-

dassam waterfall jharkhand ranchi
रांची से 40 किलोमीटर दक्षिण पर तैमार गांव में स्थित दशम जलप्रपात स्वर्णरेखा नदी की सहायक कांची नदी से इस झरने का निर्माण होता है। दशम स्थानीय मुंडारी भाषा के दा सोंग से उत्पन्न शब्द है जहां दा का मतलब पानी एवं सोंग का अर्थ उड़ेलना होता है। कुदरत के इस पानी उड़लने के खूबसूरत नज़ारे का नाम इसलिए दशम पड़ा है। 144 फीट की ऊँचाई से गिरती इसकी धारा काफी रूमानी एवं आकर्षक होती है। साथ ही यहां का पानी भी काफी साफ रहता है, जिस कारण यहां आने वाले पर्यटक अक्सर इससे आकर्षित होकर यहां नहाने, मौज-मस्ती करने लग जाते है। मगर इस फॉल को जानकारों द्वारा काफी खतरनाक बताया गया है। गौरतलब है कि इसकी खूबसूरती कई जाने ले चुकी है। इसलिए पर्यटकों को यहां किसी भी प्रकार का जोखिम लेने से बचना चाहिए। प्रशासन द्वारा यहां कृत्रिम सीढ़ियां भी बनाई गई एवं कई स्थानों को लोहे की जाली से भी घेरा गया है। तैमार गांव रांची-जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 33 के रास्ते पर पड़ता है जहां आपको निजी वाहन या कैब से ही जाना होगा।

सदनी वाटर फॉल-

sadni waterfall ranchi jharkhand
झारखण्ड के सबसे खूबसूरत स्थान के रूप में प्रसिद्ध नेतरहाट के मनोरम नजारों में सदनी फॉल का एक अपना ही प्रभाव है। इस खूबसूरत झरने को यहां के बाकी सभी नजारों में से विशेष माना जाता है। ज़ाहिर है कि अगर आप नेतरहाट आए और सदनी फॉल का मजा नहीं लिया तो आपने सही मायने में नेतरहाट की सैर ही नहीं की। स्थानीय शंख नदी पर निर्मित ये जलप्रपात देखने में किसी सांप की चाल की तरह टेढ़ा-मेढ़ा है। 200 फिट की ऊँचाई से गिरती इसकी जलधारा की आवाज कई मीटर दूर से ही सुनाई दे जाती है। ऐसा कहा जाता है कि पहाड़ों और जंगलो से घिरे इस जलप्रपात से सोलहवी एवं सतरहवी शताब्दी में बहुमूल्य श्रेणी के हीरे भी निकलते थे।

जोन्हा वाटर फॉल–

jonha waterfall jharkhand ranchi
रांची शहर से 50 किलोमीटर दूर रांची पुरूलिया राजमार्ग से 2.5 किलोमीटर अन्दर स्थित जोन्हा वाटर फॉल का नाम जोन्हा गांव के नाम पर है। कहते है कि यहां भगवान बुद्ध ने भी स्नान किया था जिस कारण इसे गौतमधारा के नाम से भी जाना जाता है। पास ही में गौतम बुद्ध को समर्पित एक आश्रम एवं मंदिर भी है। मंदिर का निर्माण राजा बालदेवदास बिरला के वंशजों ने करवाया था। प्रत्येक रविवार एवं मंगलवार को यहां अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिलती है। स्थानीय लोग जोन्हा को गंगा नाला भी कहते है क्योंकि यहां आने वाली धारा गंगाघाट से आती है।

हिरणी वाटर फॉल-

hirni waterfall jharkhand ranchi
रांची से 80 किलोमीटर दूर हिरणी गांव से गुजरने वाली रामगढ़ नदी से हिरणी फॉल का निर्माण होता है 121 फीट की ऊँचाई से गिरती इसकी जलधारा देखने में काफी मनमोहक है। यहां की स्थानीय कार पार्किग से बायीं ओर नदी की दूसरी तरफ टूरिस्ट हाट है। पर्यटक सीढ़ियों से पहाड़ी की चोटी पर पहुँच कर वहां बने व्यू पाइंट से यहां के खूबसूरत नज़ारे का लुत्फ उठा सकते है।
नोट- ये सभी वाटर फाल्स रांची शहर के नजदीक है।

 

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