मौनसून साल का एक ऐसा वक़्त होता है जब हर कोई इसकी खूबसूरती में रम जाना चाहता है। चारों ओर फ़ैली हरियाली, आँगन और छत पर खेलती बारिश की बूंदे सभी को अपने सा खुशनुमा और चंचल बना देती है। ऐसे में हर किसी का मन इस मौसम का मज़ा लेने का होता है। मगर आजकल कहाँ वो बारिश हो पा रही है जब आप घर बैठे इसका मज़ा ले लेते थे। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं देश के ऐसे कुछ ख़ास जगहों के बारे में जहाँ की बरसात होती है ख़ास…
अगुम्बे, कर्णाटक-
भारत के वेस्टर्न घाट पर स्थित ये स्थान एक छोटा सा खूबसूरत शहर है। सालों भर की बरसात से यह जगह हमेशा हरियाली से सजी रहती है। यहाँ से सोमेश्वर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी नजदीक है। आप बेंगलुरु या शिवमोगा से यहाँ तक की सवारी पर्सनल कैब से कर सकते हैं।
अम्बोली, महाराष्ट्र-
महाराष्ट्र का सबसे अधिक वर्षा वाला यह स्थान एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। सिंधुदुर्ग जिले में 700 किलोमीटर ऊँचाई पर स्थित ये हिल स्टेशन ब्रिटिशकाल से ही काफी प्रसिद्ध है। बारिश का मज़ा लेने के अलावा आप यहाँ के रमणीय झरनों का भी आनंद ले सकते हैं। यहाँ एक पौराणिक शिव मंदिर भी है। ऊँचाई पर होने के कारण आप यहाँ के व्यू पॉइंट से कई दर्शनीय स्थलों का मज़ा भी लें सकते हैं, सागर एवं कोकण तट का संगम इनमें सबसे मनोरम दृश्य है।
चिन्नाकलार, तमिलनाडु-
दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में स्थित है चिन्नाकलार। अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध ये स्थान भारत में सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों की श्रेणी में तीसरे नंबर पर है। मतलब इतनी बारिश की आपके पिछले कई सालों का डीयूज़ क्लियर। ऊपर से आस-पास में देखने घूमने को एक से बढ़कर एक हरियाली भरे नज़ारे, जिसमें शामिल है अन्नामलाई वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, मनोम्पल्ली फारेस्ट सिद्धिविनायक मंदिर, ग्रास हिल्स, बिरला फाल्स टाइगर वेल्ली इत्यादि। यह एक सुदूर ग्रामीण क्षेत्र है इसलिए, यहाँ अपनी कार या कैब से आना सबसे सहीं विकल्प होगा।
मासिनराम, मेघालय-
मेघालय में स्थित ये वो जगह है जहां देश ही नहीं दुनिया में सबसे अधिक मात्र में वर्षा होती है। साथ ही यहाँ की ज़मीन भी अपनी सबसे अधिक नमी के कारण गिनीज़ बुक में दर्ज है। साल का शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब यहाँ के लोग बिना छाते के घर से निकलते होंगे। यहाँ की हरियाली, खूबसूरत झरने और सालों पुरानी गुफाएं इस स्थान के पर्यटन का मुख्य आकर्षण है।
नेरिआमंगलम, केरल-
केरल के एर्नाकुलम में स्थित नेरिआमंगलम पेरियार नदी के किनारे बसा एक ग्रामीण स्थान है। पहाड़ों और जंगल की हरियाली से समृद्ध ये जगह भी अपनी बरसात के लिए जानी जाती है। इसे केरला का चेरापूंजी भी कहते है। यहाँ के पहाड़ों ट्रेकिंग का भी अपना ही मज़ा है जिसके बारे में अब तक बहुत ही कम लोग जानते हैं। ग्रामीण इलाका होने के कारण यहाँ के लिए कैब से आना सही निर्णय होगा।
महाबलेश्वर, महाराष्ट्र-
वैसे तो महाबलेश्वर के बारे में कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है। मगर फिर भी बता दें कि यह हिल स्टेशन भी अपनी बरसात के लिए फेमस है। आप यहाँ बरसात, झरनों के अलावा वैन्ना लेक की सैर कर सकते हैं। आपको बता दें कि बाकि स्थानों की तरह यहाँ भी सालों भर बरसात होती रहती है।
चेरापूंजी, मेघालय-
मेघालय राज्य का ये शहर हमेशा से अपनी बरसात, दरअसल सबसे ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। हालाँकि अब ये खिताब मेघालय के ही मासिनराम नामक स्थान के पास है। शिलांग से तक़रीबन 50 किलोमीटर दूर स्थित इस स्थान को स्थानीय लोग सोहरा के नाम से बुलाते हैं एवं अब इसका आधिकारिक नाम भी सोहरा ही रख दिया गया है। यहाँ स्थित नोह्कलिकाई झरना पर्यटकों का खासा पसंदीदा दर्शनीय स्थल है। साथ ही यहाँ की रहस्मयी गुफाएं भी सभी को लुभाती है। मूल रूप से यह स्थान ‘खासी जनजाति’ का निवास स्थान है मगर बांग्लादेश से सटे होने के कारण आपको यहाँ बंगलाभाषा भी सुनाने को मिल सकती है।
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