सदियों से इंसान और जानवरों के बीच बने अनोखे रिश्ते में जो जानवर इंसान से सबसे करीब से जुड़ा है- वो है कुत्ता। कुत्ता ही एक ऐसा जानवर है जिसे हम जानवर नहीं बल्कि इंसान का सबसे पुराने और वफादार दोस्त मानते है। समय कितना भी बदल गया हो मगर इंसान और कुत्ते का दोस्ताना कम नहीं हुआ है। दुनियाभर में आपको ऐसे लाखों, करोड़ों लोग मिल जाएँगे जो अपने इस बेजुबान दोस्त को बेहद प्यार करते है उनका दिल से ख्याल रखते है, उनकी हर परेशानी में मदद करते है। ये लोग अपने इस दोस्त को अपने घरों में ही नहीं बल्कि अपने दिल में भी ख़ास जगह देते है।
भारत में भी ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है मगर परेशानी का सबब है अपने इस दोस्त के साथ रेलयात्रा करना। हालाँकि ऐसा नहीं है कि लोग अपने इस दोस्त के साथ यात्रा नहीं करते। मसलन अगर किसी को किसी भी कारण से एक शहर से दूसरे शहर परमानेंट शिफ्ट होना होता है तब लोग अपने इस दोस्त को भी साथ ले जाने की कोशिश करते है। या फिर देश में यहाँ-वहां होने वाले डॉग शो आदि के लिए भी लोग अपने इस दोस्त को एक शहर से दुसरे शहर लेकर जाते है। ऐसे में जहां कुछ लोगों को भारतीय रेलवे के बनाए नियमों का थोडा बहुत ज्ञान है तो कुछ को बिलकुल नहीं। यहाँ तक की कई बार तो रेलवे अधिकारी भी रेलयात्रियों को इस बाबत कुछ विशेष बता-समझा नहीं पाते कि क्या कोई अपने इस प्यारे से दोस्त के साथ भारतीय रेलवे में यात्रा कर सकता है या नहीं? और यदि कर सकता है तो उसके लिए रेलवे के क्या नियम-कानून एवं सुविधाएँ हैं? इस लेख में हम आपको बताते है कि क्या आप अपने इस दोस्त के साथ यात्रा कर सकते है या नहीं और अगर कर सकते है तो कैसे-
जी हाँ! आप भारतीय रेलवे में अपने इस प्यारे से दोस्त के साथ यात्रा कर सकते है बशर्ते आप रेलवे के बनाए नियमों का पालन करे। भारतीय रेलवे ने हम इंसानों के अलावा हमारे इस दोस्त के लिए एक नियमावली बनाई हुई है। पर चूकी वो नियमवाली आसानी से सबकी समझ में नहीं आती. इसलिए हम आपको रेलवे के नियमों को आसान तरीके से समझाने का प्रयास करेगें।
रेलवे के नियम के अनुसार आप अपने दोस्त को एसी फर्स्ट क्लास के टिकट पर ही सफ़र करवा सकते है. इसके लिए आपको एसी फर्स्ट क्लास के चार टिकट बुक करवाने होंगे जो की काफी खर्चीली प्रक्रिया है. ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए अगर संभव हो तो आप अपने साथ अपने साथियों के टिकट भी एसी फर्स्ट क्लास में बुक करवा ले. क्योंकि अपने इस दोस्त के साथ रेलयात्रा करना वैसे भी थोडा मुश्किल होता है. और ऐसा करने से आपको न आपका खर्च की चिंता होगी, न ही सहयात्रियों से इजाज़त लेने या उनको होने वाली परेशानी को लेकर कोई चिंता होगी. क्योंकि नियम के अनुसार फर्स्ट क्लास के टिकट लेने के बावजूद अगर आपके डॉग ने यात्रा के दौरान किसी सहयात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी दी तो आपको रेलगाड़ी से उतरना होगा या फिर अपने दोस्त को गार्डरूम में बने डॉग बॉक्स में भेजना होगा। अगर आप ऐसा करने से मना करते है तो ध्यान रहे रेलवे आपसे लिए शुल्क को वापस नहीं करता है।
दुसरे विकल्प के अनुसार अगर आप इतना ज्यादा खर्च नहीं करना चाहते है या फिर आप जिस गाड़ी से यात्रा करने वाले है उसमें एसी फर्स्ट क्लास का डिब्बा नहीं है तो आप अपने दोस्त की बुकिंग रेलवे पार्सल ऑफिस से करवा सकते है। यहाँ से बुकिंग करवाने पर आपके दोस्त को रेलवे के पार्सल डब्बे में बने डॉग बॉक्स में रखा जाएगा। रेलवे द्वारा इस सर्विस के लिए निर्धारित शुल्क न्यूनतम 10 रूपये है जो आपको बुकिंग के समय देने होंगे। साथ ही यात्रा भर अपने दोस्त के खाने-पीने की जिम्मेवारी भी आपकी ही होगी। बिना बुकिंग के डॉग को लेकर जाने पर आपको छह गुना तक हर्जाना भी देना पड़ सकता है। वहीँ आँखों से न देख पाने वाले दिव्यांग यात्री भी अगर अपने साथ थेरेपी डॉग साथ लेकर जाना चाहते है तो उनके लिए भी यही नियम है।
The problem in taking dog in guard room is the booking process. There is no system to know if there is space available for your dog from the station you want to board. You have to buy your ticket in advance. You will come to know only when train arrives and only if there is no other dog already in the guard roo.. Request Indian Railway to make an online system by which one can know and book dog box in the guard room.
Please provide coch separately.
With evry train, for pet journey with his woner.
There are some private agencies which can help to relocate the pets like air pets, furry flyers etc no need to depend on railways and spend huge money on railway.
Pls modi ji required us new cotch for dog